आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में लोगों के अपने लिए ही समय नहीं है। कामकाज में वे खुद पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। वे कई तरहककी मुसीबत से गुजर रहे होते हैं। इस तरह की मुश्किल घड़ी में खुद को भावनात्मक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाए रखना जरूरी है। इसके लिए आप खुद को उन सभी चीजों से दूर रखें जिनसे आपको परेशानी होती है। आप खुद को उन चीजों में व्यस्त रखें जिनसे आपको खुशी मिलती हो।
अपने दिमाग को हमेशा शांत रखने की कोशिश करें। आपका मन शांत होगा तो आपकी सोचने की क्षमता बढ़ेगी। सकारात्मक बनने की कोशिश करें। सोचें कि मैं वो सब कर सकता हूं जो मुझे चाहिए। स्वयं से बात करने के लिए जागरूक रहें। खुद पर विश्वास रखिए। दूसरे के बारे में सोचकर परेशान ना हों। खुद से प्यार करना सीखिए। खुद की अहमियत को समझें जिससे आपका आत्मविश्वास बढ़ सकें।
स्वयं से बातचीत करते वक्त भी जागरूक रहें। जितना हो सके अपने दिमाग का व्यायाम करें। खुद को फिट रखें। स्वस्त खाएं, स्वस्थ रहें। पॉजिटिव सोचके साथ किसी भी कीमत पर खुद को खुश रखिए।
खुद को मजबूत कैसे बनाएं-
• खुद के लिए खेद महसूस कर समय बर्बाद मत करें
• बदलाव से शर्मींदगी महसूस ना करें
• उन चीजों पर अपनी ऊर्जा बर्बाद न करें जिन्हें आप बदल नहीं सकते
• हर किसी को खुश करने की चिंता मत करें
• अतीत पर ध्यान न दें, जो बीत गया वो बात गई
• किसी से भी ज्यादा उम्मीद ना रखें, खुद पर विश्वास रखें
• खुद को वहीं सलाह दें जो आप अपने दोस्तों को देते हैं
• अपनी भावनाओं को तर्क से संतुलित करें
• आपनी भावनाओं को नियंत्रित करना सीखें
• पॉजिटिव और निगेटिव विचारों की पहचान करना सीखें
अपने दिमाग को हमेशा शांत रखने की कोशिश करें। आपका मन शांत होगा तो आपकी सोचने की क्षमता बढ़ेगी। सकारात्मक बनने की कोशिश करें। सोचें कि मैं वो सब कर सकता हूं जो मुझे चाहिए। स्वयं से बात करने के लिए जागरूक रहें। खुद पर विश्वास रखिए। दूसरे के बारे में सोचकर परेशान ना हों। खुद से प्यार करना सीखिए। खुद की अहमियत को समझें जिससे आपका आत्मविश्वास बढ़ सकें।
स्वयं से बातचीत करते वक्त भी जागरूक रहें। जितना हो सके अपने दिमाग का व्यायाम करें। खुद को फिट रखें। स्वस्त खाएं, स्वस्थ रहें। पॉजिटिव सोचके साथ किसी भी कीमत पर खुद को खुश रखिए।
खुद को मजबूत कैसे बनाएं-
• खुद के लिए खेद महसूस कर समय बर्बाद मत करें
• बदलाव से शर्मींदगी महसूस ना करें
• उन चीजों पर अपनी ऊर्जा बर्बाद न करें जिन्हें आप बदल नहीं सकते
• हर किसी को खुश करने की चिंता मत करें
• अतीत पर ध्यान न दें, जो बीत गया वो बात गई
• किसी से भी ज्यादा उम्मीद ना रखें, खुद पर विश्वास रखें
• खुद को वहीं सलाह दें जो आप अपने दोस्तों को देते हैं
• अपनी भावनाओं को तर्क से संतुलित करें
• आपनी भावनाओं को नियंत्रित करना सीखें
• पॉजिटिव और निगेटिव विचारों की पहचान करना सीखें
• दूसरों की मदद कीजिए, इससे एक अलग ही खुशी मिलेगी
एमिटी यूनिवर्सिटी, कोलकाता
Good
ReplyDeleteUpasana Sarbajna: This is good
ReplyDeleteGreat points
ReplyDeleteWell written❤❤
ReplyDeleteCompletely agreed
ReplyDeleteWow !!!!!!
ReplyDeleteAmazing
ReplyDeleteGood work !
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