एक छोटा सा ख्याल मन में, आज कुछ यूं आया,
पंछियों को आंगन मे चहकता देख, मैं मन ही मन मुस्कुराया।
विलुप्त हो गए थे जो जानवर, आज निडर सड़कों पर घूम रहे,
नदियों-सागर में रहने वाली मछलियां भी खूब झूम रहीं।
परिस्थिति की विडम्बना तो देखो, आज मानव घर में कैद है,
इस संकट के समय में, दिल पल-पल डरता है,
आज जो लोग जिंदा हैं, कल ना जाने कौन-कौन मरता है।
सबक लेना चाहिए हम सबको, जो किया वो सही न था,
स्वर्ग-सी खूबसूरत धरती को, प्रदूषण-गदंगी से मैला किया।
इस मुश्किल घड़ी में, हम सब हैं अपनों के साथ,
सलाम है देश की पुलिस को, जिन्होंने हमें दी सुरक्षा की आस।
प्राण जोखिम में डाल कर, जो लड़ रहे हमारे लिए,
शुक्रगुजार हूं मैं उन डॉक्टर का जो दिन-रात एक कर रहे।
अब भी कुछ ज्यादा बिगड़ा नहीं, हाथों से वक्त फिसला नहीं,
सुधार लो इस जीवनशैली को, वरना पछतावे के लिए कुछ बचेगा नहीं।
कुछ पाना है तो कुछ खोना पड़ेगा, समय से सुधरो नहीं तो रोना पड़ेगा,
व्यर्थ की इच्छाएं छोड़ दे मानव, वरना अपने ही जीवन से हाथ धोना पड़ेगा।
जीवन एक है और बेहद अमूल्य है, इसे हमें हंस-हंस कर जीना है,
गर्व है मुझे उन कोरोना वॉरियर पर, जिनका 36 इंच का सीना है।
- प्रियंका ध्यानी
पंछियों को आंगन मे चहकता देख, मैं मन ही मन मुस्कुराया।
विलुप्त हो गए थे जो जानवर, आज निडर सड़कों पर घूम रहे,
नदियों-सागर में रहने वाली मछलियां भी खूब झूम रहीं।
परिस्थिति की विडम्बना तो देखो, आज मानव घर में कैद है,
क्या दुर्दशा बना दी धरती की, जिसके लिए उसे खेद है।
कहते थे जो लोग समय भागा जा रहा, हम कहीं पीछे न रह जाएं,
आज वही घर बैठ कर रहे प्रार्थना, अपनों का साथ कहीं छूट ना जाए।इस संकट के समय में, दिल पल-पल डरता है,
आज जो लोग जिंदा हैं, कल ना जाने कौन-कौन मरता है।
सबक लेना चाहिए हम सबको, जो किया वो सही न था,
स्वर्ग-सी खूबसूरत धरती को, प्रदूषण-गदंगी से मैला किया।
इस मुश्किल घड़ी में, हम सब हैं अपनों के साथ,
सलाम है देश की पुलिस को, जिन्होंने हमें दी सुरक्षा की आस।
प्राण जोखिम में डाल कर, जो लड़ रहे हमारे लिए,
शुक्रगुजार हूं मैं उन डॉक्टर का जो दिन-रात एक कर रहे।
अब भी कुछ ज्यादा बिगड़ा नहीं, हाथों से वक्त फिसला नहीं,
सुधार लो इस जीवनशैली को, वरना पछतावे के लिए कुछ बचेगा नहीं।
कुछ पाना है तो कुछ खोना पड़ेगा, समय से सुधरो नहीं तो रोना पड़ेगा,
व्यर्थ की इच्छाएं छोड़ दे मानव, वरना अपने ही जीवन से हाथ धोना पड़ेगा।
जीवन एक है और बेहद अमूल्य है, इसे हमें हंस-हंस कर जीना है,
गर्व है मुझे उन कोरोना वॉरियर पर, जिनका 36 इंच का सीना है।
- प्रियंका ध्यानी
Great thoughts..😃
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